
कोरोना के बाद अब रूस फिर सुर्खियों में है — इस बार वजह और भी बड़ी है। “एंटरोमिक्स (Entromix)” नाम की mRNA आधारित कैंसर वैक्सीन ने ट्रायल में 100% प्रभावशीलता का दावा किया है। कहने को ये टीका है, लेकिन असल में ये उम्मीद, हिम्मत और विज्ञान का थ्री-इन-वन कॉम्बो है।
“अब ट्यूमर के लिए ये टीका ‘नो एंट्री’ बोर्ड जैसा है।”
क्या है Entromix और कैसे काम करता है ये वैक्सीन?
यह वैक्सीन कोई जनरल डोज़ नहीं, बल्कि हर मरीज के जीन और ट्यूमर प्रोफाइल के हिसाब से कस्टमाईज़ की जाती है — यानी पर्सनलाइज़्ड कैंसर ट्रीटमेंट का नया युग!
वैक्सीन की खास बातें:
mRNA तकनीक पर आधारित, ठीक वैसे ही जैसे कोविड-19 की Pfizer और Moderna वैक्सीन
शरीर की इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट करती है ताकि वो खुद कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर खत्म कर सके
4 विशेष वायरस का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं पर डायरेक्ट अटैक
साइड इफेक्ट? जी नहीं! – ट्रायल में किसी भी मरीज को गंभीर रिएक्शन नहीं हुआ
“इतनी सफाई से हमला? आतंकवादी होते तो मास्टरमाइंड कहते!”
क्लिनिकल ट्रायल: डेटा जो दिल को सुकून दे
कुल प्रतिभागी: 48 मरीज
स्थान: रूस का एंगेलहार्ट इंस्टीट्यूट और रेडियोलॉजिकल मेडिकल रिसर्च सेंटर
घोषणा: SPIEF 2025 (सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम) में
परिणाम:
100% मरीजों ने वैक्सीन को सहन किया
अधिकतर मामलों में ट्यूमर छोटा हुआ या पूरी तरह खत्म
कुछ मरीजों में कैंसर वापस नहीं लौटा (Yes, full remission!)
डॉक्टर बोले – “टेस्ट में 100% स्कोर? आखिरी बार ये देखा था बोर्ड टॉपर की मार्कशीट पर!”
अब आगे क्या? कब मिलेगी आम जनता को ये वैक्सीन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह वैक्सीन जल्द पब्लिक यूज़ में लाई जा सकती है।

संभावना है कि 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत में प्रारंभिक लॉन्च हो सकता है — पहले रूस में, फिर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में।
“बास, अब इलाज के लिए अमेरिका जाने का सपना छोड़ दीजिए। रूस से ई-विज़ा लगाइए!”
दुनिया के लिए क्यों है ये गेम चेंजर?
WHO के अनुसार, हर साल 1 करोड़ से ज्यादा मौतें कैंसर से होती हैं
कीमोथेरेपी और रेडिएशन के साइड इफेक्ट से राहत नहीं
यह वैक्सीन सस्ता, सुरक्षित और मरीज-केंद्रित समाधान हो सकता है
वैक्सीन सिर्फ इलाज नहीं, ये एक ‘नो-फियर’ पास बन सकती है कैंसर पेशेंट्स के लिए।
क्या भारत में आएगी ये वैक्सीन?
रूस और भारत के बीच वैक्सीन डिप्लोमेसी पहले भी मजबूत रही है (Sputnik V याद है न?) ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत को भी जल्द ही इसका प्रारंभिक एक्सेस मिल सकता है।
भारत सरकार अगर इस वैक्सीन को ‘Make in India’ करा दे, तो फार्मा कंपनियों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं!
डॉक्टर बोले – अब कैंसर कहेगा “मेरी भी कोई वैल्यू नहीं रही?”
अगर वैक्सीन सफल होती है और वैश्विक इस्तेमाल के लिए स्वीकृत होती है, तो:
कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी की dependency घटेगी
हेल्थ इंश्योरेंस वाले ज्यादा मुस्कराएंगे
और पॉप कल्चर में “कैंसर ट्रॉप” का अंत हो सकता है
“अब फिल्मों में कैंसर का नाम आते ही रोने की जगह, लोग कहेंगे — Arre Entromix ले न!”
Entromix है उम्मीद का इंजेक्शन, जो बदल सकता है कैंसर की कहानी
Entromix सिर्फ एक टीका नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक क्रांति है — जो कैंसर के इलाज को पर्सनलाइज़्ड, दर्द रहित और अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता रखता है।
अगर मंजूरी मिलती है, तो यह “Big C” यानी Cancer को “Small Issue” में बदलने की दिशा में सबसे बड़ा कदम हो सकता है।